Mumbai dharavi Masjid Vivaad 2024
21 सितंबर 2024 को धारावी स्थित मेहबूब-ए-सुब्हानी मस्जिद में बीएमसी (BMC) द्वारा एक बड़े विवाद ने जन्म लिया, जब अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए बीएमसी की टीम ने कार्रवाई शुरू की। धारावी, जो एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी मानी जाती है, में यह मस्जिद एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। इस मुद्दे पर स्थानीय निवासियों ने बीएमसी की कार्रवाई का जोरदार विरोध किया। बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और मस्जिद के पास बीएमसी को जाने से रोक दिया(Free Press Journal)(The Siasat Daily)।
स्थानीय logo का विरोध
Mumbai dharavi masjid vivad को लेके स्थानीय निवासियों का कहना था कि मस्जिद उनके लिए सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक सामुदायिक केंद्र भी है। इस विरोध के चलते bmc की टीम को मजबूरन पीछे हटना पड़ा। हालांकि, तनाव को देखते हुए पुलिस ने भारी सुरक्षा तैनात कर दी ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके। मस्जिद के ट्रस्टियों ने बीएमसी से कुछ दिन का समय मांगा, ताकि वे खुद ही अवैध निर्माण को हटा सकें(Free Press Journal)(The Siasat Daily)।
Varsha gaikwad ka action
मुंबई कांग्रेस की प्रमुख Varsha gaikwad ने dharavi masjid vivad मामले में हस्तक्षेप किया और मुख्यमंत्री Eknath Shinde से मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि मस्जिद के प्रति स्थानीय निवासियों की भावनाओं का सम्मान किया जाए और कार्रवाई को रोका जाए। मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद बीएमसी ने अपने ध्वस्तीकरण के निर्णय को कुछ समय के लिए रोक दिया। वर्षा गायकवाड़ ने इस फैसले के बाद लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, “सभी पक्षों ने अपनी बात रखी है और इस मामले का समाधान शांति और सौहार्दपूर्ण तरीके से निकाला गया है”(ABP Live)(Free Press Journal)।
BMC की Ka action
bmc ने इस मामले में स्पष्ट किया कि मस्जिद के कुछ हिस्सों का निर्माण अवैध तरीके से सार्वजनिक जमीन पर किया गया था, जिसे हटाना कानूनी रूप से जरूरी है। हालांकि, ट्रस्टियों के अनुरोध पर बीएमसी ने कुछ दिनों का समय दिया है ताकि वे खुद ही अवैध निर्माण को हटा सकें। बीएमसी ने यह भी कहा कि अगर निर्धारित समय में यह काम पूरा नहीं हुआ तो वे फिर से कार्रवाई करेंगे(Free Press Journal)।
निष्कर्ष/conclusion
यह पूरा मामला केवल एक अवैध निर्माण का नहीं है, बल्कि धारावी के लोगों की भावनाओं और उनकी धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है। मस्जिद के ट्रस्टियों द्वारा समय मांगने और वर्षा गायकवाड़ की मध्यस्थता के बाद स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। लेकिन यह देखना बाकी है कि आने वाले दिनों में बीएमसी और स्थानीय लोग किस तरह इस मुद्दे का स्थायी समाधान निकालते हैं।